प्रेम एक ऐसा भाव है, जिसकी व्याख्या करने की क्षमता मेरी लेखनी में नहीं। प्रेम जीवन की अद्भुत शक्ति है तथा इसके बिना जीवन...
प्रेम एक ऐसा भाव है, जिसकी व्याख्या करने की क्षमता मेरी लेखनी में नहीं। प्रेम जीवन की अद्भुत शक्ति है तथा इसके बिना जीवन निस्सार है। रामनरेश त्रिपाठी के शब्दों में प्रेम की महिमा सुनिए:
प्रेम स्वर्ग है, स्वर्ग प्रेम है, प्रेम अशंक अशोक।
ईश्वर का प्रतिबिंब प्रेम है, प्रेम हृदय आलोक।।