यह नाम स्व. महेशनारायण सक्सेना श्रीमान जी द्वारा रखा गया है। यह मानव जीवन की चरम आकांक्षा का नाम है। मनुष्य की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धियों की परिणति का नाम है आनंद। यहां तक कि परमेश्वर की कल्पना भी हमारे म...
यह नाम स्व. महेशनारायण सक्सेना श्रीमान जी द्वारा रखा गया है। यह मानव जीवन की चरम आकांक्षा का नाम है। मनुष्य की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धियों की परिणति का नाम है आनंद। यहां तक कि परमेश्वर की कल्पना भी हमारे मनीषियों ने सत् - चित् आनंद के रूप में की है। यह संयोग ही है कि जयशंकर प्रसाद विरचित प्रख्यात 'कामायनी' के आनंद सर्ग की अंतिम कुछ पंक्तियां इस प्रकार है:
समरस थे जड़ या चेतन, सुंदर साकार बना था।
चेतनता एक विलसती, 'आनंद' अखंड घना था।।
महाभारत काल के महान धनुर्धर अर्जुन के नाम से शायद ही कोई अनभिज्ञ हो। पाण्डु व कुंती पुत्र अर्जुन महाभारत युद्ध के सर्वश्रेष्ठ योद्धा थे। अर्जुन वीरता और शौर्य का प्रतीक है। नेतरहाट के छात्र भी अर्जुन ...
महाभारत काल के महान धनुर्धर अर्जुन के नाम से शायद ही कोई अनभिज्ञ हो। पाण्डु व कुंती पुत्र अर्जुन महाभारत युद्ध के सर्वश्रेष्ठ योद्धा थे। अर्जुन वीरता और शौर्य का प्रतीक है। नेतरहाट के छात्र भी अर्जुन की तरह ही एकाग्र होकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सतत प्रयत्नशील रहते हैं। महाभारत-युद्ध में अर्जुन के सारथी भगवान श्री कृष्ण थे। उसी तरह नेतरहाट के छात्रों के मार्गदर्शक यहां के विद्वान शिक्षकगण हैं।
अरुण अर्थात लालिमा या उषाकाल के समय सूर्य की लालिमा ली हुई मनोरम छटा। नेतरहाट खासकर सूर्योदय की विहंगम एवं सूर्यास्त की नयनाभिराम छटा के लिए प्रसिद्ध है। नेतरहाट विद्यालय भी इसी अरुणाभा में जागृत होता...
अरुण अर्थात लालिमा या उषाकाल के समय सूर्य की लालिमा ली हुई मनोरम छटा। नेतरहाट खासकर सूर्योदय की विहंगम एवं सूर्यास्त की नयनाभिराम छटा के लिए प्रसिद्ध है। नेतरहाट विद्यालय भी इसी अरुणाभा में जागृत होता है। यहां अरुण नाम से एक आश्रम का निर्माण हुआ जिससे ज्ञान का अरुणोदय चहुंदिश हो सके। प्रसिद्ध कवि गजानन माधव मुक्तिबोध ने अपनी प्रसिद्ध कविता 'अंधेरे में' में अरुण कमल की कामना करते हुए लिखा है:
पहुंचना होगा दुर्गम पहाड़ों के उस पार
तब कहीं देखने मिलेंगी सांसें
जिसमें कि प्रतिपल कांपता रहता
'अरुण कमल' एक।
महान दार्शनिक एवं धर्म- सुधारक अरविंद घोष की स्मृति में इस आश्रम का नाम अरविंद रखा गया। अरविंद घोष का जन्म पांडिचेरी में हुआ था। इन्होंने पांडिचेरी में ही निस्सहाय व निर्धन लोगों के लिए औरेविले आश्रम ...
महान दार्शनिक एवं धर्म- सुधारक अरविंद घोष की स्मृति में इस आश्रम का नाम अरविंद रखा गया। अरविंद घोष का जन्म पांडिचेरी में हुआ था। इन्होंने पांडिचेरी में ही निस्सहाय व निर्धन लोगों के लिए औरेविले आश्रम की स्थापना की थी।अरविंद घोष एक दार्शनिक, धर्म - सुधारक होने के साथ-साथ एक अच्छे लेखक भी थे। उनकी कुछ प्रमुख रचनाएं हैं: लाइफ डिवाइन, अति मानव की ओर, एशेज ऑन गीता, सावित्री इत्यादि।
यह नाम स्वयं प्रथम प्राचार्य एवं आश्रमाध्यक्ष नेपियर द्वारा दिया गया है।
महान सम्राट अशोक जिसके नाम से शायद ही कोई अवगत न हो। एच.जी. वेल्स ने अपनी 'आउटलाइन ऑफ हिस्ट्री' में उसके बारे में लिखा है कि ...
यह नाम स्वयं प्रथम प्राचार्य एवं आश्रमाध्यक्ष नेपियर द्वारा दिया गया है।
महान सम्राट अशोक जिसके नाम से शायद ही कोई अवगत न हो। एच.जी. वेल्स ने अपनी 'आउटलाइन ऑफ हिस्ट्री' में उसके बारे में लिखा है कि बादशाहों के दस हजार नामों में जिनसे इतिहास के पृष्ठ भरे हैं, जिनमें कई बड़े - बड़े राजा महाराजा और नामी-गिरामी शासक शामिल हैं, अशोक का नाम अकेला सितारे की तरह चमक रहा है। अशोक का दूसरा अर्थ भी है- शोकरहित। एक ओर जहां अशोक आश्रम नेतरहाट के छात्रों को सम्राट अशोक की तरह महान बनने की सीख देता है, तो दूसरी ओर विद्यालय को शोकमुक्त रखने की कामना करता है।
प्रख्यात भौतिकी वैज्ञानिक डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा के नाम पर इस आश्रम का नाम भाभा आश्रम' खा गया। डॉक्टर भाभा भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रथम चेयरमैन थे। इन्होंने 'कॉस्मिक रेज' तथा 'क्वांटम थ्योरी' ...
प्रख्यात भौतिकी वैज्ञानिक डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा के नाम पर इस आश्रम का नाम भाभा आश्रम' खा गया। डॉक्टर भाभा भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रथम चेयरमैन थे। इन्होंने 'कॉस्मिक रेज' तथा 'क्वांटम थ्योरी' पर महत्वपूर्ण कार्य किया था। इन्हीं की देखरेख में भारत का प्रथम 'एटॉमिक रिएक्टर सेंटर' बना जिसका नाम 'भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र' रखा गया जो महाराष्ट्र के ट्राम्बे में स्थित है।साहित्य कला के साथ-साथ नेतरहाट के छात्र वैज्ञानिक चेतना से भी संपन्न होते हैं।
महान वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस के नाम पर इस आश्रम का नाम बोस रखा गया। दूसरे वैज्ञानिक सत्येंद्रनाथ बोस के नाम को इसमें जोड़ा जा सकता है। इन्होंने बोसोन नामक एलिमेंट्री पार्टिकल की खोज की थी। इनके नाम ...
महान वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस के नाम पर इस आश्रम का नाम बोस रखा गया। दूसरे वैज्ञानिक सत्येंद्रनाथ बोस के नाम को इसमें जोड़ा जा सकता है। इन्होंने बोसोन नामक एलिमेंट्री पार्टिकल की खोज की थी। इनके नाम पर ही इस पार्टिकल का नाम बोसोन (BOSON) रखा गया। इन्होंने आइंस्टीन के साथ मिलकर एक नई सांख्यिकी का प्रतिपादन किया, जो बोस - आइंस्टीन स्टैटिस्टिक्स के नाम से प्रसिद्ध है। इन्हें पद्मभूषण उपाधि से सम्मानित किया गया था।