हमारे विद्यालय के भूतपूर्व प्राचार्य श्री सत्य नारायण सिंह जी हमारे बीच नहीं रहे, कोरोना से पीड़ित थे। ईश्वर इनकी दिवंगत आत्मा को शांति एवं मोक्ष प्रदान करें तथा परिवारजनों को दुख सहने की शक्ति
स्मृति शेष पापा: श्री सत्य नारायण सिंह: (1 जुलाई 1929 से 25 अप्रैल 2021)
पापा नहीं रहे, हम सारे लोगों के प्रयास कल विफल हुए और कोविड-19 की जीत हुई, दिल्ली के वसंत कुञ्ज के फोर्टिस अस्पताल में उन्होंने कल २ बजे दिन में अंतिम सांस लिया और आज सुबह पंचतत्व में विलीन।
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद के छोटे से गांव ‘पूरे पांडेय कमोरा’ में जन्मे और जीवन भर गांधीवादी रहे, और शिक्षा के क्षेत्र नए और सार्थक और उल्लेखनीय प्रयास खासकर जीवन के पूर्वार्ध में संयुक्त बिहार में। भारतीय दर्शन में रूचि, गहन अध्ययन। जीवन के उत्तरार्ध में प्रतापगढ़ जनपद में किसानी में नए-नए प्रयोग; पेड़, प्रकृति और पुस्तक से प्रेम। हमारे लिए एक पिता से ज्यादा मित्र और मित्र से अधिक मार्गदर्शक। सिर्फ सूनापन। शांति !
In memoriam : Shri Satya Narayan Singh: (1 July 1929 to 25 April 2021)
Papa is no more, our efforts failed yesterday, and Covid-19 won. He breathed his last at 2 pm in Fortis Hospital in the Vasant Kunj area of Delhi on 25 April and merged with elements this morning, 26 April 2021.
Born in a small village named 'Pure Pandey Kamora' in the Pratapgarh district, he remained a 'Gandhian' throughout his life. He devoted himself to education, especially in the first half of his life in the united Bihar. Special interest in Indian Philosophy. In the second inning of his life in the Pratapgarh district of Uttar Pradesh, he was experimenting with farming and loving trees, nature and books. For us, he was a friend, philosopher and guide. Just numbness ahead. Rest in Peace, Papa !
written By: Arvind Koshal Jee