महर्षि कण्व वैदिक काल के प्रसिद्ध ऋषि थे।
इन्हीं के आश्रम में हस्तिनापुर नरेश दुष्यंत की पत्नी शकुंतला एवम् उनके वीर पुत्र भरत का पोषण हुआ था.ऐसा कहा जाता है कि इन्हीं भरत के नाम पर हमारे देश का नाम ...
महर्षि कण्व वैदिक काल के प्रसिद्ध ऋषि थे।
इन्हीं के आश्रम में हस्तिनापुर नरेश दुष्यंत की पत्नी शकुंतला एवम् उनके वीर पुत्र भरत का पोषण हुआ था.ऐसा कहा जाता है कि इन्हीं भरत के नाम पर हमारे देश का नाम भारत पड़ा. सोनभद्र में जिला मुख्यालय से 8 किमी की दूरी पर कैमूर श्रृंखला के शीर्ष स्तर पर स्थित कण्व ऋषि की तपस्थली बताई जाती है जो कंडकोट के नाम से प्रसिद्ध है.
मेरा मानना है कि यह सब उपर्युक्त वर्णित भाव,दर्शन,साहित्य,कला,आध्यात्म और ज्ञान - विज्ञान को आत्मसात कर उस राह पर चलने से ही हो पाया है.