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महाभारत काल के महान धनुर्धर अर्जुन के नाम से शायद ही कोई अनभिज्ञ हो। पाण्डु व कुंती पुत्र अर्जुन महाभारत युद्ध के सर्वश्रेष्ठ योद्धा थे। अर्जुन वीरता और शौर्य का प्रतीक है। नेतरहाट के छात्र भी अर्जुन ...
महाभारत काल के महान धनुर्धर अर्जुन के नाम से शायद ही कोई अनभिज्ञ हो। पाण्डु व कुंती पुत्र अर्जुन महाभारत युद्ध के सर्वश्रेष्ठ योद्धा थे। अर्जुन वीरता और शौर्य का प्रतीक है। नेतरहाट के छात्र भी अर्जुन की तरह ही एकाग्र होकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सतत प्रयत्नशील रहते हैं। महाभारत-युद्ध में अर्जुन के सारथी भगवान श्री कृष्ण थे। उसी तरह नेतरहाट के छात्रों के मार्गदर्शक यहां के विद्वान शिक्षकगण हैं।
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The batch that joined Netarhat in year 1954.
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प्रेम एक ऐसा भाव है, जिसकी व्याख्या करने की क्षमता मेरी लेखनी में नहीं। प्रेम जीवन की अद्भुत शक्ति है तथा इसके बिना जीवन निस्सार है। रामनरेश त्रिपाठी के शब्दों में प्रेम की महिमा सुनिए: प्रेम...
प्रेम एक ऐसा भाव है, जिसकी व्याख्या करने की क्षमता मेरी लेखनी में नहीं। प्रेम जीवन की अद्भुत शक्ति है तथा इसके बिना जीवन निस्सार है। रामनरेश त्रिपाठी के शब्दों में प्रेम की महिमा सुनिए:
प्रेम स्वर्ग है, स्वर्ग प्रेम है, प्रेम अशंक अशोक।
ईश्वर का प्रतिबिंब प्रेम है, प्रेम हृदय आलोक।।
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The batch that joined Netarhat in 1955
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कविवर मैथिलीशरण गुप्त भगवती वीणापाणि के उन वरद पुत्रों में से हैं, जिनकी कीर्ति- कौमुदी चतुर्दिक अपनी आभा विकिर्ण कर रही है। गुप्त जी की तो बहुत साहित्यिक रचनाएं हैं, परंतु उनकी कीर्ति का आधार 'साकेत'...
कविवर मैथिलीशरण गुप्त भगवती वीणापाणि के उन वरद पुत्रों में से हैं, जिनकी कीर्ति- कौमुदी चतुर्दिक अपनी आभा विकिर्ण कर रही है। गुप्त जी की तो बहुत साहित्यिक रचनाएं हैं, परंतु उनकी कीर्ति का आधार 'साकेत' ही है। यह महाकाव्य आधुनिक युग के महाकाव्यों में अपना विशिष्ट स्थान रखता है। 'साकेत' का वर्ण्य - विषय रामकथा ही है। 'साकेत' का अर्थ है - वैकुंठ, विष्णु का निवास स्थान।
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