अरूण कुमार सिंह जी (1971 Entry Batch, Roll 238 , Arun Ashram)
बिहार के मुख्य सचिव की कोरोना से मौत हो गई है। मुख्य सचिव अरूण कुमार सिंह जी कोरोना संक्रमित थे और राजधानी के पारस अस्पताल में भर्ती थे। अब से कुछ देर पहले उनकी मौत की खबर सामने आई है। सरकार ने अपने मुख्य सचिव के मौत की पुष्टि कर दी है।
First batch Dr. Shaileshwar Sati Prasad ji, retired prof. English, Patna university passed away at Delhi on 21st April.
It is most shocking to learn that Prof Shaileshwar Sati Prasad has left for his eternal journey today morning. We are just speechless. I had a very long association with him. In fact, he was just like our elder brother. He was associated with School of Creative Learning from the first day as Vice President. In fact, he was associated with me right from Total Literacy Campaign days in early 90s. He took active part in all intellectual discourse of the city. He was a permanent feature of all conferences and seminars. I will always remember his GM formulae for learning, which he presented in NCERT. He used to refer to Grandmother (GM ) way of story telling as the best way of teaching children. No social event was complete without him. Recently I had a talk with him when he was in Delhi. Never knew that he would leave us so early.
It would be difficult to fill the void created by his death. We shall miss you in all intellectual gatherings.
May God give you peace in this Grand journey.
Written by: Vijoy Prakash Jee
हमारे विद्यालय के भूतपूर्व प्राचार्य श्री सत्य नारायण सिंह जी हमारे बीच नहीं रहे, कोरोना से पीड़ित थे। ईश्वर इनकी दिवंगत आत्मा को शांति एवं मोक्ष प्रदान करें तथा परिवारजनों को दुख सहने की शक्ति
दुःखद सूचना: 18 April 2021
1986-90 बैच के संतोष जी (रोल 165) ,तक्षशिला आश्रम अब हमलोगों के बीच नहीं रहे।हार्ट अटैक से पटना में उनका निधन हो गया..... विनम्र श्रद्धांजलि
You have left some wonderful memories since childhood that will never fade from my heart. You will be missed forever, I will always cherish the beautiful bonding we shared as a classmate since primary school. Such a wonderful human you were.
You have given your life in treating patients during this pandemic without thinking for your own safety, You put Patient First..
You have accomplished many good things. You worked hard and always followed the path of honesty.
नेतरहाट विद्यालय के अँग्रेजी के शिक्षक (1959-66) एवं बिहार प्रशासनिक सेवा (डिप्टी कलेक्टर) के संयुक्त सचिव पद से सेवानिवृत्त पदाधिकारी (1966-93) श्री शिवदास पांडेय की एक सफल एवं उत्कृष्ट साहित्यकार तथा कवि के रूप में भी ख्याति रही है । उनकी प्रकाशित कृतियों में "सुबह के सितारे" - प्रथम काव्य रचना, "नदी प्यासी "(काव्य संकलन), "सागर मथा कितनी बार"(प्रेम गीत संकलन), "हाँ, मेरे मालिक" (राजनीतिक व्यंग्य कविताओं का संकलन), "हिन्दी कविता में मिथक की भूमिका " (काव्यालोचन), "मैं हूँ नचिकेता " (व्यंग्य कविताओं का संकलन), "यह कविता नहीं है" (राजनीतिक व्यंग्य कविताओं का संकलन), "ज्वार -ज्वार महासागर "(प्रेम गीतों का संग्रह), "विचारधारा का सच " (ज्ञानधारात्मक शोध ग्रंथ), "द्रोणाचार्य " (एक महाकाव्यात्मक औपन्यासिक कृति), "गौतम-गाथा " (एक ऐतिहासिक आख्यानात्मक कृति) आदि उल्लेखनीय हैं । प्रमुख सम्मान पुरस्कारों में - "राष्ट्रीय एकता पुरस्कार " १९९१,साहित्यकार संसद समस्तीपुर द्वारा १९९३ तथा १९९४ में क्रमश: "कामता प्रसाद सिंह काम " एवं "साहित्य विभूषण " सम्मानों से अलंकृत ।"अवंतिका "नई दिल्ली द्वारा कला एवं साहित्य के क्षेत्र में "विशिष्ट सेवा सम्मान ", १९९९ विश्व हिन्दी सहस्राब्दी सम्मेलन सम्मान , वर्ष २००० में सेक्युलर इंडिया हार्मॉनी एवार्ड, वर्ष २००० में ही महाकवि राकेश शिखर सम्मान, २००१ में जैमिनी अकादमी पानीपत द्वारा डॉ लक्ष्मी नारायण दूबे सम्मान एवं अन्य कई सम्मानों से सम्मानित किया गया । भारत सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा उन्हें वर्ष २०१६ में साहित्य कृति सम्मान प्रदान किया गया. वे बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन पटना एवं बिहार संस्कृत संजीवन समाज के संरक्षक। अध्यक्ष पंचशक्ति परिषद, नेशनल पारालिम्पिक कमिटि ऑफ इंडिया, उत्तर बिहार, सनातन ब्राह्मण समाज, उत्तर बिहार , सांस्कृतिक गौरव संस्थान । महामंत्री बिहार बुद्धिजीवी साहित्यकार परिषद, जिलाध्यक्ष मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान मुजफ्फरपुर, प्रबंध निदेशक पंचशक्ति प्रकाशन, मुख्य संपादक "कविता इंडिया " (त्रैमासिक) ।